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कणक की फसल में जड़ माहू कीट या पीलापन! किसान करें इन दवाओं का छिड़काव

जड़ माहू कीट कणक के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है जो निरन्तर रस चूसकर पौधे को कमजोर करके सुखा देता है। प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं।

देश के कई क्षेत्रों में कणक (गेंहू) की बुआई (wheat sowing) का काम पूरा हो गया है। ऐसे में कणक (गेंहू) की फसल (wheat crop) को कीट एवं रोगों से बचाया जा सके इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों (Agricultural Scientist) के द्वारा कणक फसल की निगरानी की जा रही है। इस कड़ी में कृषि वैज्ञानिकों ने कणक की फसल में जड़ माहू और पीलापन को लेकर एडवाइजरी जारी की है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक वर्तमान मौसम परिर्वतन (weather change) के कारण कणक में जड़ माहू कीट एवं विभूति आदि किटों का प्रभाव हो सकता है। यदि गेंहू में जड़ माहू कीट का प्रभाव एवं कणक में पीलापन दिखाई दें तो दवा का छिड़काव जरुर करें।

एमपी के सीहोर जिले के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष भी कणक फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप दिखाई दे रहा है। कणक फसल के खेतों में अनेक स्थानों पर पौधे पीले होकर सूख रहे हैं। समय पर निदान न किये जाने पर इस कीट द्वारा कणक फसल में बड़ी क्षति की सम्भावना रहती है।

किसान ऐसे करें जड़ माहू कीट की पहचान

जड़ माहू कीट कणक के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है जो निरन्तर रस चूसकर पौधे को कमजोर करके सुखा देता है। प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं। मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेज़ी से फैलता है। अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर यह कीट सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है।

इन दवाओं का करें छिड़काव

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जिन क्षेत्रों में अभी तक कणक फसल की बुवाई नही की गयी है, वहाँ पर बुवाई से पूर्व इमिडाक्लोरोप्रिड 48 प्रतिशत, एफ.एस. की 01 मिली. दवा अथवा थायोमेथॉक्जॉम 30 प्रतिशत, एफ.एस. दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार अवश्य करें।

वहीं जिन क्षेत्रों में बुवाई कार्य पूर्ण किया जा चुका है और कीट प्रकोप के लक्षण प्रारम्भिक अवस्था में हैं वहाँ किसान भाई इमिडाक्लोरोप्रिड़ 17.8 एस.एल. की 80-100 मिली. मात्रा अथवा थायोमेथॉक्जॉम 25 प्रतिशत डब्लूपी की 80 ग्राम मात्रा अथवा एसिटामाप्रिड 20 प्रतिशत एस.पी. दवा की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़, 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। या किसान भाई थायोमेथॉक्जॉम 30 प्रतिशत कीटनाशक की 250 मिली मात्रा को 50 किलो यूरिया खाद में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

Satbir Singh

My name is Satbir Singh and I am from Sirsa district of Haryana. I have been working as a writer on digital media for the last 6 years. I have 6 years of experience in writing local news and trending news. Due to my experience and knowledge, I can write on all topics.

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